अपर्णा यादव
लालबत्ती प्रयोग सुप्रीम कोर्ट की अवामानना, कार्यवाही की मांग
सपा सुप्रीमो मुलायम
सिंह यादव की
पुत्रवधू अपर्णा यादव द्वारा
कल वाराणसी में लालबत्ती लगी गाड़ी में दौरा करने पर सवाल उठने लगे हैं.
सामाजिक
कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव को
पत्र लिख कर इस मामले में कार्यवाही की मांग की है. पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश
शासन ने 10 मार्च 2014
को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में लाल बत्ती गाडी के सम्बन्ध में अधिसूचना जारी किया था ड्यूटी के समय राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश से ले कर नेता विरोधी दल तक
कुछ सीमित संख्या में लोगों को फ्लैशर युक्त लालबत्ती और विधान परिषद् उप सभापति,
विधान सभा उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव सहित कुछ अन्य लोगों को बिना फ्लैशर लालबत्ती
अनुमन्य किया है.
पत्र में मांग की गयी है कि अपर्णा यादव इनमे से कोई पद
धारण नहीं करती हैं और उनके द्वारा इस प्रकार लाल बत्ती का प्रयोग सर्वोच्च
न्यायालय के आदेशों की अवहेलना और उसकी अवमानना है. अतः उन्होंने इसकी जांच करा कर
विधिसम्मत कार्यवाही की मांग की है ताकि यह सन्देश जाए कि उत्तर प्रदेश में कानून
के सामने सब बराबर हैं.
संलग्न- परिवहन मंत्री को प्रेषित पत्र
Aparna Yadav Red beacon use SC contempt, action sought
Questions
are being raised about the unauthorized use of red beacon vehicle by Mulayam
Singh’s daughter in law Aparna Yadav.
Social activist Dr Nutan Thakur has written to Durga Prasad Yadav,
Transport Minister, UP seeking action in the case. She has said that in
compliance of the Supreme Court order, the UP government passed a notification
on 10 March 2010 saying that a few people from Governor, Chief Minister, Chief
Justice to Leader of opposition are entitled to flasher based red beacon
vehicles while on duty, while few others like Legislative Council Vice
Chairman, Legislative assembly Deputy Speaker, Chief Secretary etc are entitled
to red beacon without flasher.
The letter says that Aparna Yadav does not hold any of these posts and
hence the use of red beacon in her vehicle amounts to disregard and contempt of
the Supreme Court. Hence she has sought enquiry and appropriate action in this
case to send a signal that in Uttar Pradesh everyone is equal in the eyes of
law.
Dr Nutan Thakur
# 094155-34525
# 094155-34525
सेवा में,
श्री दुर्गा प्रसाद यादव,
परिवहन मंत्री,
परिवहन मंत्री,
उत्तर प्रदेश शासन,
लखनऊ
लखनऊ
विषय- सुश्री अपर्णा यादव पत्नी श्री प्रतीक यादव द्वारा
लाल बत्ती वाहन का अनधिकृत प्रयोग किये जाने विषयक
महोदय,
कृपया निवेदन है कि मैं डॉ नूतन ठाकुर एक सामाजिक
कार्यकर्ता हूँ जो पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासान के निमित्त कार्यरत हूँ. मैं
आपके समक्ष एक समाचार और उसके साथ संलग्न फोटोग्राफ के सन्दर्भ में कतिपय निवेदन
प्रस्तुत कर रही हूँ. (समाचार की प्रति संलग्न)
इस समाचार के अनुसार सपा सुप्रीमो श्री मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे श्री प्रतीक यादव की पत्नी सुश्री अपर्णा यादव ने कल वाराणसी में लालबत्ती लगी एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हेकिल) गाड़ी से दौरा किया जब अन्य स्थानों के अतिरिक्त वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय भी पहुंचीं. समाचार के अनुसार सुश्री अपर्णा के लालबत्ती गाड़ी में आने के बारे में एडीएम प्रोटोकाल सत्यप्रकाश शर्मा, वाराणसी ने बताया कि वाराणसी जिला प्रशासन की ओर से कोई लालबत्ती गाड़ी नहीं उपलब्ध कराई गई, और न ही कोई प्रोटोकाल दिया गया. समाचार के साथ प्रकाशित फोटो में सुश्री अपर्णा लालबत्ती लगी गाडी में लोगों से मिलती दिख रही हैं जो बीएचयू कैम्पस, वाराणसी की बतायी जा रही है.
आप 10 मार्च 2014 के उत्तर
प्रदेश शासन के गाड़ियों में लालबत्ती के प्रयोग के सम्बन्ध में पारित शासनादेश के
पूर्णतया परिचित होंगे. इसमें अंकित है कि मा०
सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी (सी) संख्या 25237/2010 में दिनांक 10/12/2013 में पारित आदेशों के क्रम
में भारत सरकार की अधिसूचना सं- का0आ0 52 (अ) दिनांक 11 जनवरी, 2002 एवं साधारण खंड अधिधिनयम, 1897 की धारा 21 के साथ पठित केन्द्रीय मोटरयान नियमावली, 1989 के नियम 108 व 119 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए मात्र निम्न वाहनों पर ही फ्लैशर युक्त लाल बत्ती अनुमान्य
की गयी है- श्री राज्यपाल,
प्रदेश के मुख्यमंत्री/पूर्व मुख्यमंत्री,
प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष, प्रदेश विधान परिषद् अध्यक्ष, मा० उच्च न्यायालय के
मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीश, प्रदेश के मंत्रीगण तथा नेता विरोधी दल
(विधान परिषद्/विधान सभा). यह बत्ती भी राज्य के अन्दर मात्र ड्यूटी पर ही अनुमन्य
है.
इसके अतिरिक्त बिना फ्लैशर के स्थिर लालबत्ती युक्त गाडी राज्य में ड्यूटी पर विधान परिषद् उप सभापति, विधान सभा उपाध्यक्ष, प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री एवं उपमंत्री, मुख्य सचिव, राज्य निर्वाचन आयुक्त, अल्पसंख्यक आयोग/एससी एसटी आयोग/प्रदेश लोक सेवा आयोग अध्यक्ष तथा महाधिवक्ता को अनुमान्य है.
स्पष्ट है कि यह शासनादेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मा०
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में किया गया है. जैसा मैंने ऊपर निवेदन
किया सुश्री अपर्णा यादव वर्तमान में इनमे से किसी भी पद पर नहीं हैं. वे वर्तमान
में सांसद या विधायक भी नहीं हैं. ऐसे में उनके द्वारा इस प्रकार लाल बत्ती का
प्रयोग मा० सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों कि स्पष्ट अवहेलना होने के कारण और मा०
सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता दिखता है.
मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती कि समाचारपत्रों में
प्रकाशित फोटो कितना सही या गलत है पर जैसा कहते हैं दर्पण झूठ नहीं बोलता और फोटो
में साफ़ दिख रहा है कि सुश्री अपर्णा इस लालबत्ती गाडी में बैठी हैं. अतः निवेदन
करुँगी कि कृपया उपरोक्त सभी तथ्यों के दृष्टिगत इस मामले की तत्काल जांच करवाने
की कृपा करें और यदि मामला सही पाया जाया है तो इसके लिए उत्तरदायी सभी व्यक्तियों
के खिलाफ विधि के उचित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही करवाया जाना सुनिश्चित
करें.
चूँकि यह प्रकरण एक अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति से सम्बंधित है अतः इस मामले
में निष्पक्ष और विधिसम्मत कार्यवाही की विशेष आवश्यकता रहेगी ताकि पूरे देश और
प्रदेश में यह सन्देश जाए कि उत्तर प्रदेश शासन के समक्ष सभी व्यक्ति एक बराबर हैं
और यहाँ कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही किसी व्यक्ति की निजी हैसियत के आधार पर
नहीं की जाती है.
भवदीय,
पत्रांक संख्या- NT/Aparna/VNS
दिनांक – 09/08/2014
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426,
विराम खंड,
गोमती नगर,
लखनऊ
# 94155-34525
प्रतिलिपि- 1. मुख्यमंत्री, उत्तर
प्रदेश को कृपया तत्काल आवश्यक कार्यवाही हेतु
2. प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ
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